Input Device and Output Device क्या है? इनपुट और आउटपुट डिवाइस के प्रकार और उदाहरण?
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Input Device and Output Device

Input Device
“मानव द्वारा दिए गए निदेशों को कंप्यूटर के समझने योग्य संकेतों में परिवर्तित करने के लिए जिन युक्तियों का प्रयोग किया जाता है उन्हें इनपुट डिवाइस कहते हैं।“
Input Device के उदाहरण –
- Keywords
- Mouse
- Joystick
- Tracker Ball
- LightPen
- Touch Screen
- Scanner
- Digitizer Table or Graphics Table
- Voice Recognizer
- Digital Camera
1. Keyword (की-बोर्ड)
Keyword (की-बोर्ड) मुख्य और सुगम Online Input Device है। इसके द्वारा डाटा और प्रोग्राम कंप्यूटर में इनपुट किए जाते है।



कंप्यूटर का की-बोर्ड सामान्यतः टाईपराईटर के की-बोर्ड के समान होता है। कंप्यूटर के की-बोर्ड के बटन टाइपराइटरों में लगे बटनों की अपेक्षा बहुत आसानी से दबते है, जिससे अधिक समय तक कार्य करने पर भी थकान कम होती है।
इसके अतिरिक्त यदि किसी ‘ Key ‘ को कुछ देर दबाए रखते है तो वह स्वयं को दोहराने लगता है। यह क्रिया Typematic कहलाती है।
Tipematic की दर सामान्यतः 10 Time/second होती है। की-बोर्ड डाटा को 1 और 0 के बिट में बदलकर दो प्रकार के C.P.U. में input कर सकता है
- Serial Keyword
- Parallel Keyword
- Ergonomic keyboard
1. Serial Keyword
यह Bit by bit को क्रमानुसार C P U को भेजता है।
2. Parallel Keyword
यह डाटा को प्रथक प्रथक तारो में एक साथ भेजता है।
की-बोर्ड की कुंजी दबाने पर Keyboard Encoder डाटा को 8bit (1 और 0) को बदलने का कार्य करता है
किसी भी की-बोर्ड में लगभग 100 keys होती है। 101 और 104 keys वाले keyboard भी आजकल अधिक प्रचलित है। हालाकि यूजर को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए की-बोर्ड में keys की संख्या 110 तक पहुंच गई है।
की-बोर्ड की Kyes को हम चार श्रेणियों में बांट सकते है –
- Alphanumeric Keys.
- Numeric Keypad.
- Function Keys.
- Special Purpose keys.
Alphanumeric Keys
यह Keyboard का केन्द्रीय भाग होता है जिसमे वर्णमाला के अक्षर (A-Z or a-z) और Numeric कैरेक्टर (10 से 9) और अन्य केरेक्टर
जैसे – , . , /, <>`”:, ;, -, !, ?,@#$_&-+()/*”‘:;!(){}[] आदि होते है।
इसके अलावा इस भाग में कुछ विशेष Keys भी होती है। जैसे – Spacebar, Enter, Backspace, Tab, Ctrl, Esc, Alt, Shift.
Numeric Keypad
यह की-बोर्ड में दाई और होती है। इसमें Calculator जैसी key होती है। इस कीपैड पर लगभग 17 Keys होती है, जिसमे 0 से 1 तक के अंको की keys भी होती है। इसके अतिरिक्त अन्य keys ; जैसे कि – Numlock, /,*,_,+,pgUp, PgDn, Ins, Enter, Home भी होती है।
Function Keys
Function Keys की-बोर्ड के ऊपरी भाग में स्थित होती है तथा इनकी संख्या 12 होती है, जिन पर F1, F2, F3, …….. F12 अंकित रहता है।
ये Keys किसी विशेष कार्य को करती है, जैसे – कमांड का आवंटन, सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में स्क्रीन पर Menu दर्शाना।
Special Purpose Keys
आजकल की-बोर्ड में भी विशेष प्रकार कि keys उपलब्ध है जो नए ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष कार्यों के लिए होती है।
जैसे – Sleep, Power, Volume, Start आदि।
3. Ergonomic keyboard
यह एक खास प्रकार का की-बोर्ड होता है, जो दूसरे की-बोर्ड की अपेक्षा User को टाइपिंग में अधिक आराम देता है। ऐसे की-बोर्ड यूजर की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
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Mouse
वर्तमान समय में Mouse सर्वाधिक Pointing Device है, जिसका प्रयोग चित्र या ग्राफिक्स बनाने के साथ साथ किसी Button या मेन्यू पर Click करने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से हम keyboard की सहायता किए बिना अपने PC को नियंत्रित कर सकते है।



Mouse जिसे एक समतल सतह जिसे Mouse Pad कहते है, पर हथेली की सहायता से चलाया जाता है इसमें दो या तीन बटन होते है, जिनकी सहायता से कंप्यूटर को निर्देश दिए जाते है। Mouse को हिलाने पर स्क्रीन पर प्वाइंटर Move करता है। कार्य के स्वभाव के अनुरूप इस प्वाइंटर का स्वरूप भी बदलता रहता है
माउस में नीचे की ओर रबर की गेंद होती है। समतल सतह पर माउस को हिलाने पर यह गेंद घूमती है, जो माउस में लगे छोटे छोटे रोलरो को संवेदी करती है तथा जिससे माउस की दिशा पता चलती है।
Joystick
यह भी प्वाइंटिंग Device है जो track Ball के सिद्धांत पर कार्य करती है। सामान्यतया यह कंप्यूटर पर game खेलने के काम आता है। इसमें बॉल को घूमने के लिए एक छड़ीनुमा Lever होता है जो चारो दिशाओं में आसानी से घूम सकता है तथा स्क्रीन पर प्वाइंटर की स्तिथि पर भी नियंत्रण रखता है।
Joystick के हैंडिल में माउस की तरह Buttons भी लगे होते है जिन्हे Triggers कहते है। Joystick का प्रयोग मुख्यतया Video Games, Flight, Simulation, औद्योगिक रोबोट पर नियंत्रण रखने आदि के लिए किया जाता है।
आजकल ऐसे माउस का प्रयोग भी होने लगा है जिसमे गेंद के स्थान पर रोशनी का प्रयोग होता है। प्रकाश को सहायता से चलने वाले mouse को Optical Mouse कहा जाता है। Mouse का प्रयोग कंप्यूटर के प्रयोगों को शुरू करने से लेकर ग्राफिक्स का निर्माण करने के लिए किया जाता है।
Tracker Ball
यह भी एक प्वाइंटिग Device है। यह लगभग माउस के समान ही होता है। हम इसे उल्टा रखा हुआ mouse में सकते है, जिसमे गेंद उपर की ओर होती है। गेंद को हाथ के अगुथे, हथेली अथवा आगुली से घुमाने पर प्वाइंटर खिसकता है।



ट्रैकर बॉल विशेष रूप से बच्चो के लिए बनाई जाती है जिसके द्वारा वे कंप्यूटर पर Game खेल सकते है। Laptop कंप्यूटर में भी ट्रैकर बाल का प्रयोग माउस की जगह होता है।
Light Pen
लाइटपेन का प्रयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर कोई भी आकृति बनाने के लिए किया जाता है। यह भी एक pointer device है।
Light pen में एक फोटो सेल होता है। जब हम lightpen से कंप्यूटर। Screen के ऊपर कोई Picture या आकृति बनाते है तो इसकी पल्स स्क्रीन से Transmit होकर प्रोसेसर के अंदर प्रवेश कर जाता है।
Lightpen का प्रयोग Menu में दिए गए ऑप्शन को चुनने में किया जाता है। इसके द्वारा बनाई गई किसी भी आकृति को कंप्यूटर की मेमोरी में Save किया जा सकता है। CAD (Computer Aided Design) आदि के कार्यों में बहुतायत इसका प्रयोग किया जाता है।
Touch Screen
Touch Screen का प्रयोग आजकल बैंक के ATM मशीन में, लाइब्रेरी के कैटलॉग फाइल धुंडने के लिए होता है। सारे टच टर्मिनल में एक सेंसिटिव स्क्रीन होती है जो बहुत सारे बिंदुओं से मिलकर बनी होती है, जिन्हे ‘Touch Point’ कहते है।



इस सेंसिटिव स्क्रीन के अलावा टर्मिनल के साथ एक Keyboard भी होता है जो डाटा को इनपुट करने की अनुमति प्रदान करता है। जब यूजर अंगुलियों से स्क्रीन को छूता है तो वह “टच प्वाइंट” को छूकर Input करता है।
इस तरह का Input साधारणतया उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी होता है जिन्हे कंप्यूटर के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। Touch Screen को आउटपुट श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यूजर अंगुलियों से छूकर डाटा को इनपुट करता है, तब वह डाटा प्रोसेस होने के बाद touch screen पर आउटपुट के रूप में दिल्ली देता है। Touch Screen यूजर फ्रेंडली होती है।
Scanner
स्कैनर एक इनपुट डिवाइस है जिसका उप उपयोग किसी पेपर पर प्रिंट लिए हुए टेक्स्ट,फोटो, तथा अन्य सामग्री को पढ़कर उसे कंप्यूटर पर एक Image के रूप में स्थानांतरित कर देता है।



यह पेपर पर लिखे हुए Text तथा अन्य किसी भी सामाग्री को डिजिटल रूप में परिवर्तित कर देता है। स्कैनर के प्रयोग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें User को इंफॉर्मेशन टाईप करने की आवश्यकता नहीं होती है।
Scanner दो प्रकार के होते है
- MICR (Megnetic Ink Character Recognition)
- Optical Scanner
1. MICR (Megnetic Ink Character Recognition)
MICR बैंकिंग में अधिक प्रयोग होता है। MICR का उपयोग बैंक में अधिक संख्या में चैक जांचने में होता है। MICR तकनीकी में चैक पर विशेष चुम्बकीय स्याही द्वारा केरेक्टर छापे जाते है।
MICR रीडर चैक पर छापे कैरेक्टर को चुम्बकीय कॉयल (Coil) के संवेदन से पढ़ता है। इसमें प्रकाशिय बिधी से कोई प्रकाश कैरेक्टर्स पर नहीं डाला जाता है।
2. Optical Scanner
इसमें प्रकाशित विधि से प्रकाश कैरेक्टर्स पर डाला जाता है। इसके उदाहरण OCR, OMR तथा OBR है।
Digitizer Tablet or Graphic Tablet
ग्राफिक टेबलेट एक ड्रॉइंग कि तरह होती है, इसके उपर एक पैन या Mouse होता है। ड्रॉइंग सतह पर पतले तारो का एक जाल होता है जिस पर पें चलते ही संकेत कंप्यूटर पर चले जाते है। इसके ऊपर एक स्कैनिंग हेड लगा होता है जिसे Puck कहते है।
इस स्कैनिंग head का प्रयोग वांछित स्थिति प्राप्त करने के लिए किया जाता है तथा स्थिति प्रदान हो जाने पर बटन दबा दिया जाता है। ग्राफिक टेबलेट का प्रयोग विशिष्ट डिजाइन बनाने के लिए किया जाता है
Voice Recognizer
कंप्यूटर के विकास से हम कंप्यूटर में डाटा बिना टाईप किए सीधे बोलकर भी कर सकते है। हम अपनी कमांड को भी बोलकर Execute कर सकते है। इस तकनीकी द्वारा डाटा इनपुट में होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
अधिकतर Voice Recognition System speaker Dependent है, परन्तु आजकल speaker Independent सिस्टम भी बाजार में उपलब्ध है। इस तकनीकी में कुछ समस्याएं भी है, जैसे कि एक समस्या तब सामने आती है जब डाटा बोलकर इनपुट किया जाता है।
Digital Camera
चित्रों को डिजिटल कैमरे की मदद से कंप्यूटर में डाला जा सकता है। डिजिटल कैमरा किसी भी चित्र को खींचकर उसे स्टोर करता है तथा कंप्यूटर में उसे डिजिटल रूप में भेज देता है। इन Images को बाद में डिजिटल फाइलों के रूप में Store कर दिया जाता है।
डिजिटल कैमरे को इंटरनेट पर की जाने वाली दो व्यक्तियों के बीच होने वाली बातचीत में भी उपयोग में लाया जा सकता है। यदि दोनों ओर कैमरा लगा है तो आपस में वार्ता करते हुए एक दूसरे का चेहरा भी दिखाई दे जाता है।
Output Devices
Output device कंप्यूटर का वह हिस्सा होता है, जिसका इस्तेमाल किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डेटा को लेने के लिए किया जाता है Speaker और Projector बहुत ही प्रचिलित Output device हैं जो कंप्यूटर से डेटा लेकर देने का काम करते हैं।
कुछ आउटपुट डिवाइस के उदाहरण इस प्रकार है –
- Monitor
- Printer
- Plotter
- Speaker
- Voice-Output Devices
- COM
Monitor
इसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहते है। यह देखने में टेलीविजन की भांति होता है।



मॉनिटर को उसके प्रदर्शित रंगो के आधार पर तीन भागो में वर्गीकृत किया जाता है-
- Monochrome
- Gray-Scale
- Color
Printer
प्रिंटर एक ऑनलाइन आउटपुट Device है। कागज पर Output की यह प्रतिलिपि हार्ड कॉपी कहलाती है। कंप्यूटर से जानकारी का आउटपुट बहुत तेजी सेमिलता है और प्रिंटर उतनी तेजी से काम नहीं कर पाता, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि जानकारी प्रिंटर में store की का सके।



इसलिए प्रिंटर में भी एक मेमोरी होती है। कंप्यूटर से प्रिंटर की मेमोरी में जानकारी भेज दि जाती है, जहां से जानकारी निकालकर धीरे धीरे छापी जाती है।
Plotter
एक प्लॉटर आउटपुट divice है जो चार्ट, Design और अन्य प्रकार की हार्ड कॉपी प्रस्तुत करने का कार्य करता है। Plotter समयताया दो प्रकार के होते है
- ड्रम प्लोटर
- फ्लैट बेड पलोटर
ड्रम पलॉटर में जिस कागज पर डिजाइन बना होता है उसे ड्रम के ऊपर रखा जाता है। ड्रम Vertical गति के लिए आगे पीछे होता है जो ड्रम के horizontally लगे होते है। ड्रम तथा पेन एक साथ कंप्यूटर के नियंत्रण में Move करते है। दोनों के एक साथ Move होने पर ग्राफ तथा डिजाइन बनते है।
फ्लैट बेट प्लाॅटर में कागज को स्थिर अवस्था में एक bed या tray में रखा जाता है। एक भुजा पर Pen चढ़ा रहता है जो मोटर से कागज पर ऊपर-नीचे (Y-अक्ष ) और दाएं बाएं (X-अक्ष) पर गति शील होता है। कंप्यूटर पेन को X-Y अक्ष की दिशा में नियंत्रित करता है और कागज पर आकृति चित्रित्र करता है।
Speaker
स्पीकर की सहायता से हम एक मल्टीमीडिया कंप्यूटर सिस्टम के सारे प्रोग्रामो को साउंड, संगीत आदि को आसानी से प्राप्त कर सकते है।



स्पीकर के माध्यम से हम संगीत, चलचित्र तथा Game की तरह तरह की आवाजों का आनंद प्राप्त कर सकते है।
Voice-Output Devices
कंप्यूटर्स सैकड़ों शब्दो के उच्चारण कर शब्द भंडार (Vocabulary) संग्रहित किया जाता है जिन्हे कंप्यूटर प्रोग्राम्स के निर्देशो के आधार पर संयोजित कर संदेश बांटा है और वॉयस आउटपुट devices इन संदेशों को Speakers के द्वारा आवश्यकतानुसार उच्चारण करती है।
कंप्यूटरीकृत आवाज को क्यों का हवाई अड्डा रेलवे स्टेशनो पर यंत्रियो तक आवश्यक सूचना पहुंचाने के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग टेलीफोन सिस्टम में भी होता है।
कंप्यूटर आउटपुट मिक्रोफिलम (COM)
इसे शॉर्ट में COM (Computer Output Microfilm) भी कहते है। इस कंप्यूटर आउटपुट को माइक्रोफिलम माध्यम पर उतारने की तकनीकी है। मैक्रोफिलम माध्यम एक मैक्रॉफिलम रील या एक मैक्रोफिष्च कार्ड (Microfitche Card) के रूप में प्रयुक्त होता है।
Microflim व Microfitche को पढ़ने के लिए मिनी कंप्यूटर में एक अलग से डिवाइस होती है। Microflim तकनीक के प्रयोग से कागज की लागत और storage Space की बचत होती है। COM तकनीकी उन कार्यालयों में होती है जहा डाटा और सूचना की files में संशोधन नहीं होता है और files की संख्या बहुत अधिक होती है।
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